Mouse क्या है? माउस कितने प्रकार के होते है? माउस की पूरी जानकारी

आज हम इस आर्टिकल में माउस के बारे में बता रहे है। Mouse क्या है? माउस के प्रकार? माउस का फुल फॉर्म क्या है? इत्यादि। माउस की सम्पूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी।
Mouse क्या है? माउस कितने प्रकार के होते है? माउस की पूरी जानकारी
अगर आप एक कंप्यूटर यूजर है तो आपने माउस का इस्तेमाल भी जरूर किया होगा। लेकिन क्या आपको पता है माउस कितने प्रकार के होते है? माउस के फंक्शन क्या क्या होते है?
माउस एक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण डिवाइस है। यह कंप्यूटर के स्क्रीन पर सभी प्रोग्राम और दूसरे डिवाइसेज को कंट्रोल करता है। माउस के जरिए हम कंप्यूटर को निर्देश देते है। इस प्रकार ये एक इनपुट डिवाइस है। 

माउस क्या है?

माउस एक हार्डवेयर और इनपुट डिवाइस है। इसके जरिए हम कंप्यूटर को निर्देश देते है। माउस की मदद से हम कंप्यूटर में दिखने वाले तीर के आइकन जिसे कर्सर या प्वाइंटर कहते है, को इधर उधर move कर सकते है तथा स्क्रीन पर दिखने वाली किसी भी बटन या मेनू पर आसानी से क्लिक कर सकते है। 
एक साधारण माउस में 2 बटन और एक scroll wheel होता है, कुल 3 बटन होते है, जिसे Left Click, Right Click और Scroll Wheel कहते है। 
माउस का आविष्कार Douglas Engelbart ने सन् 1963 में किया था। पहली बार इसको एक लकड़ी के बॉक्स के रूप में डिजाइन किया गया था। 
जिसमें एक सर्किट बोर्ड और दो धातु के पहिए लगे थे। इस माउस को पहली बार सेरॉक्स अल्टो कंप्यूटर (Xerox Alto Computer) में उपयोग किया गया था। 
माउस एक इनपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर के स्क्रीन पर नजर आने वाली सभी सॉफ्टवेयर, प्रोग्राम्स और दूसरी डिवाइसेज को प्वाइंटर या कर्सर के जरिए कंट्रोल करता है। 
इस प्वाइंटर या कर्सर की मदद से हम कंप्यूटर के अंदर किसी भी फाइल, फोल्डर, प्रोग्राम, सेटिंग्स, इत्यादि को खोलने, बंद करने, edit करने, जैसे और भी कई प्रकार के कार्य करने में इस्तेमाल करते है। 
माउस, कंप्यूटर में प्वाइंटर या कर्सर के जरिए ही कार्य करता है, इसलिए इसे Pointer Device भी कहते हैं। यह कंप्यूटर और यूजर के बीच एक interface की तरह काम करता है। 
क्यूंकि यूजर ही माउस के जरिए कंप्यूटर को instruction या इनपुट देता है। कंप्यूटर के अंदर किसी भी हिस्से में माउस के जरिए जाना संभाव है। हम इसके जरिए कंप्यूटर के किसी भी हिस्से में आसानी से जा सकते है। 
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माउस की परिभाषा?

माउस, कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाला एक इनपुट डिवाइस हैं। यह एक छोटी सी डिवाइस होती है, जिसे हथेली में पकड़कर चलाया जाता है। इसमें साधारणतः दो बटन दाए और बाए लगे होते है तथा कर्सर को ऊपर नीचे ले जाने के लिए एक छोटा सा गोलाकार पहिया बीच में लगा होता है। 
माउस एक छोटा सा सूचक उपकरण होता है, जिसे मेज के सतह पर या माउस पैद पर रखकर उपयोगकर्ता द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। यह एक कर्सर के जरिए स्क्रीन पर कार्य करता है। 
माउस एक इनपुट डिवाइस है जो आपेक्षिक गति का पता लगाकर X – Y दिशा के आधार पर कार्य करता है। यह उपयोगकर्ता को प्वाइंटर की गति के कारण, कंप्यूटर के इंटरफ़ेस को नियंत्रित और संचालन करने की अनुमति देता है। 

“माउस” संगणकों में इस्तेमाल होने वाला एक इनपुट उपकरण है। यह कर्सर को चलाकर पटल के वांछित स्थान पर उसे ले जाने तथा इसका बटन दबाकर उचित विकल्प चुनने में मदद करता है। यह एक छोटा सा यंत्र है जो कड़े समतल सतह पर हथेली में पकड़कर चलाया जा सकता है। – विकिपीडिया

A computer mouse is an input device that is used with the computer. Moving a mouse along a flat surface can move the cursor to different items on the screen. Items can be moved or selected by pressing the mouse buttons (called clicking). – Wikipedia

माउस एक हैंडहेल्ड इनपुट डिवाइस है। आमतौर पर इसमें दो बटन (दाएं और बाएं) और एक स्क्रॉल व्हील होती है। इन बटनों के उपयोग से स्क्रीन पर दिख रहे किसी भी प्रोग्राम या मेनू को खोल या बंद कर सकते हैं वहीं स्क्रॉल व्हील के द्वारा किसी पेज को ऊपर नीचे कर सकते है।

माउस का फुल फॉर्म क्या होता है?

क्या आपने कभी सोचा है कि माउस का भी कोई फुल फॉर्म हो सकता है?
नहीं ना !!!
लेकिन माउस का फुल फॉर्म होता है। माउस में उपस्थित हर एक अक्षर जैसे – MOUSE का अलग अलग मतलब होता है। चलिए जानते हैं माउस का फुल फॉर्म क्या होता है।
  • M :- Manually
  • O :- Operated
  • U :- Utility
  • S :- For Selecting
  • E :- Equipment
इसके अलावा माउस का पूरा नाम हिंदी में – “उपकरण के चयन के लिए मैन्युअल रूप से संचालित उपयोगिता” होता है। 

माउस को हिंदी में क्या कहते है?

वास्तविक में अधिकारिक तौर पर कंप्यूटर माउस का हिन्दी में कोई word नहीं है। इसे हिन्दी में भी माउस ही कहा जायेगा। चूँकि Mouse का हिन्दी चूहा होता है, तो हम कंप्यूटर माउस को भी यही कह सकते है। क्यूंकि माउस कि बनावट, बिलकुल चूहे जैसी ही है, और इसमें लगा Wire चूहे की पूँछ जैसा दीखता है। 
इसके अलावा इसके दोनों बटन बाएं और दाए चूहे की आँख के समान दीखता है। इस आधार पर हम इसे हिन्दी में चूहा कह सकते हैं। लेकिन वास्तविक में कंप्यूटर माउस को हिन्दी में भी माउस ही कहते है। 

माउस का आविष्कार कब और किसने किया?

माउस को डगलस एंगेलबर्ट (Douglas Engelbart) के द्वारा सन् 1963 में बनाया गया था। माउस को वास्तविकता में X-Y Position Indicator कहा जाता है, जो कि कंप्यूटर स्क्रीन या डिस्प्ले सिस्टम में इस्तेमाल किया जाता है।
worlds first computer mouse
दुनिया का पहला माउस

माउस के इनवेंटर डगलस एंगेलबर्ट अमेरिका के एक जाने माने इंजिनियर, रिसर्चर और इनवेंटर थे। उस वक्त वे Xerox Parc Corporation नमक कंपनी में काम करते थे।
शुरुआत में इसका इस्तेमाल बहुत काम होता था, लोगों को यह डिवाइस ज्यादा जम नहीं रहा था। लेकिन 1981 में जब Xerox Palo Alto Research ने GUI यानी Graphic User Interface को introduce किया, तो दुनिया भर में माउस की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई। 
और इसके बाद 1984 में windows और Macintosh Operating System के आने के बाद, पूरी दुनिया में माउस इतना ज्यादा प्रसिद्ध होगा, कि हर कंप्यूटर के साथ माउस का इस्तेमाल होने लगा। 

माउस कितने प्रकार के होते है?

माउस कई प्रकार के होते हैं। वैसे तो मार्केट में अलग-अलग प्रकार के माउस उपलब्ध है। अलग-अलग डिजाइन, लुक, इंटरफेस, और कनेक्टिविटी के आधार पर इनको बातां गया है। 
मुख्य रूप से दो प्रकार के माउस मार्केट में ज्यादा चलन में हैं, ऑप्टिकल माउस और वायरलेस माउस। इसके अलावा भी कई प्रकार के माउस होते हैं। चलिए विस्तार से सभी प्रकार के माउस के बारे में जानते हैं।

1) Optical Mouse

ऑप्टिकल माउस light source का प्रयोग करते हैं। यह माउस की स्थिति और हलचल को track करने के लिए optical electronic का इस्तेमाल करती है, जिसमें LED और light detector शामिल है।
आज के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऑप्टिकल माउस ही है। इस माउस के नीचे आपको एक Red लाइट दिखाई देगी। इनमें एक बहुत ही ज्यादा छोटा (tiny low resolution) वाला कैमरा लगा होता है। जो हर सेकड में 1000 या इससे अधिक बार पिक्चर्स लेता है।
optical mouse
ऑप्टिकल माउस एक आधुनिक उपकरण है जिसे वर्तमान में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें Light Emitting Diode यानी LED का प्रयोग, माउस द्वारा तय की गई दूरी को डिटेक्ट करने के लिए किया जाता है। 
यह माउस, इससे पहले इस्तेमाल होने वाले mechanical mouse से बेहतर और standard रूप है। क्यूंकि ये दूसरे सभी प्रकार के माउस से ज्यादा विश्वशनीय होते है। और इसमें maintenance की आवश्यकता काम पड़ती है। 
लेकिन ये आपके इस्तेमाल करने के तरीके और type of surface पर depend करता है। जिनके ऊपर इन्हे operate किया जाता है। बेहतर अनुभव के लिए आप इसे touchpad के ऊपर रखकर चलाए।

2) Mechanical Mouse

मैकेनिकल माउस एक ऐसा माउस होता है जिसके अंदर एक धातु या रबर बॉल का इस्तेमाल होता है। इसलिए इसे Ball Mouse भी कहा जाता है। 
जब ये बॉल किसी भी दिशा में चलती या हिलती है, तो इसमें लगे सेंसर इस movement को detect करते है। और कंप्यूटर स्क्रीन में उसी दिशा में प्वाइंटर या कर्सर को move करते है।
Mechanical Mouse
इन माउस का उपयोग पुराने समय में सबसे अधिक होती थी। अब इनकी जगह ऑप्टिकल माउस ने ले लिया है। इससे पहले के माउस में wheel यानी एक छोटे से धातु का पहिया लगा होता था, जिससे माउस को हर दिशा में घुमाने या चलाने में दिक्कत होती थी। लेकिन मैकेनिकल माउस के आने से यह आसान हो गया।
मैकेनिकल माउस corded variety के होते है यानी wire के साथ ही आते है। इनकी परफॉर्मेंस high होती है, लेकिन इन्हें समय-समय पर सफाई की खास जरूरत होती है।
मैकेनिकल माउस अब चलन में नहीं है, यह अप्रचलित हो चुके हैं क्योंकि इनका स्थान अब ऑप्टिकल माउस ने ले लिया है। 

3) Wireless Mouse

वायरलेस माउस ऐसे माउस होते है, जिनमें किसी प्रकार का कोई वायर नहीं होता है। इन माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए wire या cable का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
इन्हे Cordless Mouse के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए cable की जगह कनेक्टिविटी के लिए Bluetooth, WiFi, infrared, etc. का इस्तेमाल होता है।
Wireless Mouse
ऐसे माउस जो किसी भी तरह के wire या cable कनेक्शन का इस्तेमाल नहीं करते है, वे वायरलेस माउस कहलाते है। ऐसे माउस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए वायरलेस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। 
इसे कनेक्ट करने के लिए आपको अपने कंप्यूटर में एक USB receiver को plug in करना होता है। इस माउस बैटरी से चलते हैं, और सेंसर detect करने के लिए ऑप्टिकल माउस में उपयोग होने वाले टेक्नोलॉजी का उपयोग करते है। 

4) Trackball Mouse

इस माउस में भी ऑप्टिकल माउस टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है। और इसका डिजाइन, लुक, और बनावट भी ऑप्टिकल माउस जैसा ही होता है। बस इसमें अंतर केवल trackball का होता है, को नियंत्रण करने के लिए इस्तेमाल होता है। 
Trackball Mouse
उपयोगकर्ता, कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए इसमें लगे trackball को अपनी उंगली, या अंगूठे से घुमाते है। इस तरह के माउस में गति बहुत कम होती है। और इसे चलाने में समय भी ज्यादा लगता है।

5) Stylus Mouse

Stylus Mouse एक पेन की तरह होता है, जिस तरह हम पेन को उंगलियों में दबाकर लिखते है, उसी तरह इस माउस को भी उंगलियों में बीच में दबाकर चलाया जाता है। 
इसमें एक छोटी सी पहिया भी लगी होती है। जिसे ऊपर नीचे खुमया जाता है। इसका इस्तेमाल पेज को ऊपर नीचे करने के लिए होता है। 
Stylus Mouse
Stylus Mouse को gStick Mouse भी कहा जाता है। क्यूंकि ये पेन के stick की तरह होती है, और इसका आविष्कार गॉर्डन स्टीवार्ड (Gordon Steward) ने किया था, इसलिए इसका नाम gStick जिसमें “g” का मतलब Gordon होता है, कहा जाता है। 

माउस काम कैसे करता है?

अक्सर हमारे मन में ये सवाल उठता है, कि माउस में ऐसी कौनसी टेक्नोलॉजी है, कि हमारे द्वारा माउस को हिलाने पर कंप्यूटर स्क्रीन में कर्सर भी हिलती है। हम माउस के scroll wheel को घुमाते है, तो स्क्रीन में दिखने वाली पेज भी ऊपर नीचे होती है। 
आखिर ऐसा क्यों होता है। इसमें ऐसी कौनसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। आखिरकार माउस काम कैसे करता है। तो चलिए, इस बात को हम विस्तार से जानते है। 

Mechanical Ball Mouse कैसे काम करता है?

जब हम माउस को desk या pad पर roll करते है, तो माउस के नीचे लगा ball भी अपने वजन के करें roll होने लगता है। जिससे माउस के अंदर लगे दो प्लास्टिक rollers, जो कि wheel से जुड़ी होती है, को धकेलता है। 
इन दोनों plastic rollers का काम direction movement को detect करना है। जिनमें से एक ऊपर – नीचे के movement को detect करती है, जिसे Y-Axis कहते है। और दूसरी side to side यानी left to right movement या right to left movement को detect करती है, जिसे X-Axis कहते है।
अब भी आपके मन मे ये सवाल जरूर उठ रहा होगा, कि हमारे हाथ के movement को ये इतना सटीक कैसे समझ लेता है। 
जब हम माउस को किसी भी direction में move करते है, तो इसमें लगे दोनों plastic rollers भी move होती है। जब हम माउस ऊपर या नीचे की तरफ लेकर जाते है, तो Y-Axis का wheel move होता है। 
और जब हम माउस को बाए या दाएं तरह ले जाते है, तो X-Axis का wheel move होता है। लेकिन जब हम माउस को 45° Angle के तरफ या तिरछा ले जाते है तो दोनों wheel move होते है। इसी तरह हमे Exact Movement स्क्रीन पर दिखाई देता है।
इसमें लगे दोनों wheel plastic spoke से बना हुआ है। इस माउस को हर तरह के सतह पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके लिए एक विशेष Pad की जरूरत पड़ती है, जिसके ऊपर Ball आसानी से move कर सके।
जब ball घूमती है, तो उसमे लगी plastic spokes बार बार एक light beam को break करती है। जितने बार spokes घूमेगा उतनी बार beam टूटता है। तो इसकी गिनती करने से पता चलता है कि आपने माउस को कितना move किया है। उतना ही स्क्रीन पर नजर आने वाला कर्सर या प्वाइंटर भी move करता है। 
इस movement को गिनने (Count करने) के लिए एक Microchip लगा होता है। ये माइक्रोचिप प्रोसेसर की तरह काम करता है। जो सभी जानकारी को cable के माध्यम से कंप्यूटर को भेजता है। जिसके बाद कंप्यूटर का सॉफ्टवेयर इसी जानकारी के आधार पर स्क्रीन में कर्सर या प्वाइंटर को move करता है। 

Optical Mouse कैसे काम करता है?

ऑप्टिकल माउस के काम करने का प्रोसेस मैकेनिकल बॉल माउस से बिल्कुल अलग है। इसमें ना कोई roller होता है और ना ही कोई ball लगी होती है। ऑप्टिकल माउस के नीचे एक LED Light लगी होती है।
इस Red LED से लाइट की किरणे निकलती है, जो सीधे table की सतह या pad तक जाती है। लाइट, सतह या pad से टकराकर वापस LED के बगल मे लगे Photocell तक आती है। 
जिसके बाद फोटोसेल के सामने लगे एक Lens द्वारा, इस reflected light को magnify किया जाता है। जिससे आपके हाथ की movement को बिल्कुल सटीक detect कर सके। 
जैसे जैसे आप माउस को अलग अलग direction में move करते है, तो reflected light का pattern भी बदलता रहता है। जिसके बाद माउस के अंदर लगा Microchip, आपके हाथ के movement को detect करता है, कि आपका हाथ किस direction में move कर रहा है। 
किसी-किसी ऑप्टिकल माउस में 2 LED लगे होते है। एक LED माउस के नीचे लगी होती है। जिससे डेस्क या pad पर light shine करती हैं। और दूसरा LED माउस के अंदर लगा होता है, जो हमे ये बताता है, कि माउस सही से काम कर रहा है या नहीं। 

Wireless Mouse कैसे काम करता है?

वायरलेस माउस भी ऑप्टिकल माउस के तरह ही काम करती है। ये भी ऑप्टिकल माउस की तरह ही मूवमेंट का पता लगाती है। पूरी प्रक्रिया वैसी ही है, जैसे ऑप्टिकल माउस की है। 
वायरलेस माउस में फर्क सिर्फ इतना है कि ये movement का पता लगाकर सभी डाटा को कंप्यूटर तक पहुंचाने के लिए wire या cable का उपयोग नहीं करता है। 
इसके लिए ये wireless connectivity का इस्तेमाल करता है, जैसे – Bluetooth, WiFi, Infrared, Etc. यहां पर USB Cable के स्थान पर ज्यादातर Bluetooth का प्रयोग किया जाता है।
USB Cable से माउस को Power भी मिलती है। लेकिन यहां तो Cable है ही नहीं, तो इसे पॉवर कैसे मिलेगी? वायरलेस माउस में power देने के लिए cable नहीं होता है, इसलिए इसमें Battery का प्रयोग किया जाता है। 
बैटरी के कारण इस माउस का वजन दूसरे माउस के मुकाबले ज्यादा होती है। माउस को कंप्यूटर के साथ Bluetooth के जरिए connect किया जाता है, जिस कारण बैटरी की खपत भी ज्यादा होती है। इसलिए बैटरी हर 5-6 महीने में बदलते रहना पड़ जाता है। 

माउस में कितने बटन होते है?

Mouse में मुख्यता 3 बटन और एक scroll wheel होता है। अब आप सोच रहे होंगे कि माउस में तो 2 ही बटन होते है। लेकिन ऐसा पहले होता था। 
आज से 5-10 साल पहले माउस में केवल 2 बटन और एक scroll wheel हुए करता था। लेकिन आज के समय में एक साधारण माउस में 3 बटन और एक scroll wheel होता है। 
computer mouse with button names
आज ने माउस में अगर आप ध्यान दे, तो scroll wheel पर ही एक बटन होता है। अगर आप scroll wheel को press करेंगे तो उसमे एक बटन press होती है। तो इस प्रकार माउस में 3 बटन और एक scroll wheel होता है। 
  • Left Click Button
  • Right Click Button
  • Scroll Wheel & Button
हमे माउस में केवल 2 बटन और एक scroll wheel ही दिखेंगे। और scroll wheel वाले बटन पर हमारा ध्यान नहीं जाता है। पर वास्तविक में scroll wheel पर भी एक बटन होता है। 
Scroll wheel वाले बटन का इस्तेमाल पेज को fast forward up & down करने के लिए किया जाता है। आप एक बार बटन प्रेस करके कर्सर ऊपर की ओर ले जाते है, तो स्क्रीन पर open page ऑटोमैटिक ऊपर की तरफ scroll होने लगता है। 
इसके अलावा लेफ्ट और राइट बटन का उपयोग तो आप सभी जानते ही है। यहां पर हम अपने अनुसार right button और left button के function को बदल भी सकते है। 
मतलब ये कि जो right बटन का कार्य है, उसे हम left बटन में सेट कर सकते है। और जो कार्य लेफ्ट बटन का होता है, उसे हम right बटन में सेट कर सकते है। 

माउस का उपयोग कैसे करें?

माउस का उपयोग सामान्यता कंप्यूटर और लैपटॉप के साथ किया जाता है। लेकिन आज के आधुनिक युग में हम इसे समर्टफोन, टैबलेट, आईपैड, आदि में भी कनेक्ट करके इस्तेमाल कर सकते । 
माउस का मुख्यता उपयोग हम कंप्यूटर में किसी फाइल है फोल्डर को खुलने गए बंद करने के लिए करते है, क्लिक करने या खुले पेज को ऊपर नीचे स्क्रॉल करने के लिए करते है। 
इसके अलावा भी कई कार्य माउस के जरिए हम कर सकते है। चलिए जानते है, माउस का उपयोग हम कीस-किस कार्य के लिए कर सकते है।
  • किसी फाइल, फोल्डर या प्रोग्राम को खोलने या बंद करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
  • किस जिले, फोल्डर या प्रोग्राम की properties या details इसके जरिए चेक कर सकते है।
  • एक या एक से ज्यादा फाइल, फोल्डर या प्रोग्राम को सेलेक्ट कर सकते है।
  • किसी भी फाइल, फोल्डर या प्रोग्राम को बिना कॉपी किए एक लोकेशन से दूसरे लोकेशन पर सीधे माउस के जरिए Drag & Drop कर सकते है। 
  • किसी लंबे डॉक्यूमेंट को पढ़ने या पेज को ऊपर नीचे करने के लिए इसका उपयोग करते है। 
  • इसके जरिए right click करके किसी भी फाइल, फोल्डर या प्रोग्राम को open, delete, properties, copy, paste, rename, etc. कर सकते है।
तो दोस्तों, अब आप माउस के बारे में सब कुछ जान गए होंगे, Mouse क्या है? माउस के प्रकार? इत्यादि। माउस की पूरी जानकारी अब आपको हो गई होगी।
उम्मीद करता हूँ कि आपको यह आर्टिकल पसंद आई होगी। और मेरे बताये गए सभी बाते आपको समझ में भी आ गयी होंगी। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। 
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